ऐसे लोगों को पॉलीएमॉरस कहा जाता है, जो एक वक़्त में कई मोहब्बतें करते हैं.
चूंकि ये समाज के बंधे-बंधाए उसूलों को चुनौती देते हैं, इसलिए इन्हें गंदी नज़र से देखा जाता है. इसका सबसे बुरा असर ऐसे लोगों के बच्चों पर पड़ता है, जिनके किरदार पर बचपन से ही सवाल उठाए जाने लगते हैं.
हालांकि ऐसे बच्चों की परवरिश ज़्यादा बेहतर ढंग से होती है, जिनके मां-बाप एक साथ कई रिश्ते निभाते हैं. बच्चों को अलग-अलग तरह के लोगों का साथ मिलता है. बचपन से ही उनके अंदर दुनिया के बहुरंगी होने का एहसास होता है और वो ज़्यादा उदार इंसान बनते हैं.
- बीबीसी से साभार
चूंकि ये समाज के बंधे-बंधाए उसूलों को चुनौती देते हैं, इसलिए इन्हें गंदी नज़र से देखा जाता है. इसका सबसे बुरा असर ऐसे लोगों के बच्चों पर पड़ता है, जिनके किरदार पर बचपन से ही सवाल उठाए जाने लगते हैं.
हालांकि ऐसे बच्चों की परवरिश ज़्यादा बेहतर ढंग से होती है, जिनके मां-बाप एक साथ कई रिश्ते निभाते हैं. बच्चों को अलग-अलग तरह के लोगों का साथ मिलता है. बचपन से ही उनके अंदर दुनिया के बहुरंगी होने का एहसास होता है और वो ज़्यादा उदार इंसान बनते हैं.
- बीबीसी से साभार
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